सावन के मौके पर जानते हैं शिव के उन अनोखे मंदिरों के बारे में जहां आज भी कई रहस्य कायम हैं. इन शिव मंदिरों में कहीं बिजली गिरती है तो कहीं मंदिर गायब हो जाता है.
बिजली महादेव मंदिर – हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में बिजली महादेव का मंदिर रहस्यमयी माना जाता है. यहां हर 12 साल में मंदिर पर बिजली गिरती है जिससे मंदिर को नुकसान नहीं होता लेकिन शिवलिंग के टुकड़े-टुकड़े हो जाते हैं. इसके बाद यहां पुजारी नाज, दाल के आटे और मक्खन से शिवलिंग को दोबारा जोड़ते हैं.
स्तंभेश्वर महादेव मंदिर – स्तंभेश्वर महादेव मंदिर गुजरात के कवि कंबोई में स्थिति है. इस मंदिर में स्वंय समुद्र अभिषेक करता है.समुद्र के बीच बसा ये शिव मंदिर दिन में दो बाद समुद्र की लहरों में पूरी तरह डूब जाता है. ऐसा सुबह और शाम दो बार होता है.
अचलेश्वर महादेव मंदिर – राजस्थान के माउंट आबू में स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर में रोजाना शिवलिंग का रंग बदलता है. दिन में यहां शिवलिंग केसरिया रंग का दिखता है और शाम होते ही इसका रंग सांवला हो जाता है. इस मंदिर की एक और खास बात है, यहां शिव जी के अंगूठे की पूजा होती है.
मंदिर के अंदर ठंडा, बाहर गर्मी – उड़ीसा के टिटलागढ़ में एक ऐसा अनोख शिव मंदिर है जहां मंदिर के बाह तो प्रचंड गर्मी होती है लेकिन गर्भग्रह में इतनी ठंडक होती है कि 5 मिनट पर रुकना दुश्वार हो जाता है. कुम्हड़ा पहाड़ पथरीली चट्टानों पर बने इस मंदिर का ये रहस्य आज तक कोई नहीं सुलझा पाया.
पातालेश्वर मंदिर – उत्तरप्रदेश के बहनोई गांव में मौजूद पातालेश्वर मंदिर में शिवलिंग पर झाड़ू चढ़ाने की परंपरा है. मान्यता है झाड़़ू चढ़ाने पर चर्म रोग से मुक्ति मिल जाती है.