देशभर में आज राम नवमी का पावन पर्व मनाया जा रहा है. खास बात यह है कि इस साल रामनवमी पर त्रेता युग जैसा शुभ संयोग और नक्षत्र है। रामनवमी पर पूजन के गुरु पुष्य योग सहित नौ अति उत्तम योग बना रहे हैं. ये योग खरीदारी के साथ मांगलिक कार्यों, पूजा पाठ के लिए भी शुभ माने जाते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि और पुनर्वसु नक्षत्र में हुआ था। ऐसा ही संयोग इस साल 2023 में भी बना है। ज्योतिषियों के अनुसार करीब 700 साल बाद रामनवमी को सर्वार्थ सिद्धि, बुधादित्य, महालक्ष्मी, सिद्धि, केदार, गजकेसरी, रवियोग, सत्कीर्ति और हंस राजयोग बने हैं।
रामनवमी पर नौ शुभ योग बन रहे हैं:
ब्रह्म मुहूर्त- 04:41 AM से 5:28 AM
अभिजीत मुहूर्त– 12:01 PM से 12:51 PM
विजय मुहूर्त– दोपहर 2:30 से 3:19 PM
गोधूलि मुहूर्त– 6:36 PM से 7:00 PM
अमृत काल – 8:18 PM से 10:06 AM
निशिता मुहूर्त– 12:02 AM मध्यरात्रि से 31 मार्च 12:48 AM
गुरुपुष्य नक्षत्र-10:59 PM से 6:13 AM अगले दिन
सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरा दिन
अमृत सिद्धि योग – 10 :59 PM से 6:13 AM
रवि योग – पूरे दिन
रामनवमी पूजा मुहूर्त:
रामनवमी पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर दोपहर 1 बजे तक रहेगा. उसके बाद पूजा का दूसरा मुहूर्त दोपहर 1:30 बजे से 3:30 बजे तक रहेगा।
रामनवमी हवन अनुष्ठान:
रामनवमी के पावन दिन प्रात:काल उठना चाहिए। स्नान आदि के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। शास्त्रों के अनुसार हवन के समय पति-पत्नी को एक साथ बैठना चाहिए। स्वच्छ स्थान पर हवनकुंड का निर्माण करें। हवन कुंड में आम के डंडे और कपूर से अग्नि प्रज्वलित करें। हवन कुंड में सभी देवी-देवताओं के नामों का जाप करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार कम से कम 108 बार आहुति देनी चाहिए। आप इससे ज्यादा दे सकते हैं