सुरेंद्रनगर जिले के ध्रांगधरा तालुक के नरीचना गांव के एक प्रगतिशील किसान ने पारंपरिक खेती के बजाय एक अलग जुताई की है। उन्होंने अलग-अलग रंग के गन्ने और तरबूज की सफलतापूर्वक रोपाई की है। इस प्लांटेशन से उन्होंने लाखों रुपए कमाए हैं। इतना ही नहीं जिले के अन्य किसानों को भी इस दिशा में कृषि विकास की नई उम्मीदें हैं। उनके द्वारा अपने खेत में उगाए गए पीले तरबूज लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
सुरेंद्रनगर जिले के किसान अब पारंपरिक खेती के बजाय बागवानी और नकदी फसल की खेती की ओर रुख कर रहे हैं। उस समय सुरेंद्रनगर जिले के नरीचना गांव के सहदेवभाई जोरूभाई नाम के किसान ने लगभग 35 बीघा जमीन में गन्ना और तरबूज लगाया है.
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इस खेत में उगे अलग-अलग रंग के गन्ने और खासकर पीले रंग के तरबूज लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. गन्ने और तरबूज की खेती कर यह किसान एक बीघे से करीब एक लाख रुपये की सालाना आय अर्जित करता है.
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गेहूं, कपास जैसी पारंपरिक फसलों में महंगे बीज और दवाइयां खर्च करने के बाद भी किसानों को पर्याप्त उत्पादन और कीमत नहीं मिल पाती है, ऐसी नकदी फसलों के उत्पादन से किसानों को अच्छी आमदनी भी होती है। इतने सारे लोग सहदेवभाई जोरूभाई से प्रेरित होकर इस कृषि की ओर मुड़े हैं। उनके खेत में उगने वाले विभिन्न प्रकार के पीले रंग के तरबूज भी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।