देश में लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के आखिरी पूर्ण बजट का ऐलान हो गया है. सरकार ने इस बजट को लालची और समीचीन बताया है। 7 लाख के टैक्स को लेकर कई गलतफहमियों के बावजूद नौकरशाही वर्ग खुश है. निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव से मध्यम वर्ग को होने वाले फायदों की बड़ी-बड़ी बातें कीं, लेकिन हकीकत में सबसे ज्यादा फायदा अमीरों को होगा.
बजट में अधिकतम टैक्स 42.74 फीसदी से घटाकर 39 फीसदी किया गया है. इस टैक्स स्लैब के तहत बहुत अमीर लोग ही आते हैं इसलिए उन्हें सबसे ज्यादा फायदा होगा। लगभग चार प्रतिशत की सीधी कर कटौती अमीरों को प्रभावित करेगी। इस बदलाव से 25 करोड़ रुपये की आय वाले व्यक्ति को आयकर में करीब एक करोड़ रुपये का सीधा लाभ होगा.
दरअसल, निर्मला के विज्ञापनों ने काफी हलचल मचाई है। आयकर दरों में बदलाव के संबंध में मीडिया ने भी अलग-अलग व्याख्याएं पेश कीं। निर्मला ने पुराने और नए कर ढांचे की शुरुआत की। सबसे बड़ा भ्रम यह है कि पुराने कर ढांचे को खत्म कर दिया गया है या जारी रखा गया है। विशेषकर युवाओं और सभी वर्ग के लोगों को आर्थिक मजबूती प्रदान करने का प्रयास किया गया है।
वैश्विक मंदी के बावजूद, चालू वर्ष के लिए विकास दर का अनुमान लगभग 7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। सबसे अहम बात यह है कि इस नए टैक्स की घोषणा के साथ ही यह सिस्टम अब देश का मुख्य ढांचा बन गया है। हालांकि, जो लोग पुराने टैक्स सिस्टम के तहत इनकम टैक्स देना चाहते हैं, वे अब भी ऐसा कर सकते हैं।