Sunday, May 12, 2024

मन का परिवर्तन ही है दुखों का अंत, जानें गीता के अनमोल वचन…

श्रीमद्भागवत गीता में भगवान कृष्ण के उन उपदेशों का वर्णन है जो उन्होंने महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन को दिए थे. गीता सबसे प्रभावशाली ग्रंथ है. भगवद-गीता को भगवान का गीत कहा जाता है. गीता के अनमोल वचन मनुष्य को जीवन जीने की सही राह दिखाते हैं. गीता जीवन में धर्म, कर्म और प्रेम का पाठ पढ़ाती है.

गीता संपूर्ण जीवन दर्शन है और इसका अनुसरण करने वाला व्यक्ति जीवन में कभी निराश नहीं होता है. गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है कि मन का परिवर्तन करने से ही दुखों का अंत होता है.

श्रीकृष्ण के अनमोल वचन

-गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं कि अपनी पीड़ा के लिए संसार को दोष मत दो. अपने मन को समझाओ क्योंकि तुम्हारे मन का परिवर्तन ही
तुम्हारे दुखों का अंत है.

-गीता में लिखा है कि क्रोध तब पुण्य बन जाता है जब वह धर्म और मर्यादा के लिए किया जाए और सहनशीलता तब पाप बन जाती है
जब वह धर्म और मर्यादा को बचा ना पाए.

-गीता में लिखा है कि केवल डरपोक और कमजोर लोग ही चीजों को भाग्य पर छोड़ते हैं लेकिन जो मजबूत और खुद पर भरोसा करने
वाले होते हैं वे कभी भी नियति या भाग्य पर निर्भर नही रहते.

-श्रीकृष्ण का कहना है कि परेशानी में अगर कोई तुमसे सलाह मांगता है तो उसे सलाह के साथ अपना साथ भी देना क्योंकि सलाह
गलत हो सकती है साथ नहीं.

-श्रीकृष्ण कहते हैं शरीर नश्वर हैं पर आत्मा अमर है. यह तथ्य जानने पर भी व्यक्ति अपने इस नश्वर शरीर पर घमंड करता है जो कि
बेकार है. शरीर पर घमंड करने की बजाय मनुष्य को सत्य स्वीकार करना चाहिए.

-श्रीकृष्ण कहते हैं कि तुम अपने आपको भगवान को अर्पित कर दो. यही सबसे उत्तम सहारा है. जो इसके सहारे को जानता है वह
भय, चिन्ता, शोक से सर्वदा मुक्त है.

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