देश-दुनिया में कई अजीबोगरीब और हैरान कर देने वाली परंपराएं देखने को मिलती हैं। इनमें से कुछ रीति-रिवाज इतने अनोखे होते हैं कि यकीन करना मुश्किल हो जाता है। इंडोनेशिया में भी सालों से ऐसी ही परंपरा चली आ रही है। जहां माता-पिता अपने बच्चों को जमीन में नहीं बल्कि पेड़ों के नीचे दफनाते हैं। इंडोनेशिया में बच्चों की मौत के बाद अलग तरीके से दाह संस्कार किया जाता है। ताकि उनके बच्चे हमेशा प्रकृति के साथ रह सकें। यह परंपरा अजीब है लेकिन सदियों से चली आ रही है। इसके पीछे लोगों की अपनी मान्यता और तर्क है।
यह अजीबोगरीब परंपरा इंडोनेशिया के ताना तारोजा की है। बड़ों का दाह संस्कार यहां उसी तरह किया जाता है जैसे पूरी दुनिया में किया जाता है। लेकिन यहां बच्चों के शवों को न तो जमीन में गाड़ा जाता है और न ही जलाया जाता है, बल्कि प्रकृति से जोड़ा जाता है।
बच्चों के दाह संस्कार के लिए पेड़ के तने को पहले अंदर से खोखला किया जाता है और जब बच्चा मर जाता है तो उसे कपड़े में लपेटकर पेड़ के तने में रख दिया जाता है और उसके शरीर को पेड़ में बदल दिया जाता है। इस परंपरा के अनुसार, अपने बच्चे की मृत्यु के बाद, उन्हें एक पेड़ में दफना दिया जाता है, ताकि वे जीवन भर अपने करीब और प्यार महसूस करें।
इस अनोखी परंपरा के अनुसार यहां के लोग जब अपने बच्चों को पेड़ में दफनाते हैं तो पेड़ को अपना बच्चा कहते हैं। यहां के लोगों का कहना है कि उनका बच्चा भले ही इस दुनिया से चला गया हो लेकिन पेड़ में दफन होने पर उन्हें लगता है कि उनका बच्चा अभी भी उनके साथ है। आपको बता दें कि इस परंपरा का पालन दुनिया में कहीं नहीं होता है, इसे केवल इंडोनेशिया के ताना तारोजा के लोग करते हैं।