चीन से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, चीन के वैज्ञानिक पृथ्वी की ऊपरी परत (Crust) में 10 हजार मीटर यानी 32,808 फीट गहरा छेद कर रहे हैं. वैज्ञानिक यह छेद चीन के शिनजियांग प्रांत में कर रहे हैं. शिनजियांग तेल समृद्ध क्षेत्र माना जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक, पतला शाफ्ट 10 से अधिक महाद्वीपीय या चट्टानी परतों को छेद करते हुए पृथ्वी की क्रस्ट में क्रेटेसियस सिस्टम तक पहुंचेगा.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वैज्ञानिक जिस अर्थ क्रस्ट तक छेद कर रहे हैं. उस अर्थ क्रस्ट में पाए जाने वाले चट्टान की उम्र लगभग 145 मिलियन वर्ष है. चट्टान की उम्र की गणना रॉक डेटिंग की मदद से की गई है.
पृथ्वी पर अब तक का सबसे गहरा मानव निर्मित छेद रूसी कोला सुपरडीप बोरहोल है. इसकी गहराई 12,262 मीटर यानी 40,230 फीट है. 20 साल की ड्रिलिंग के बाद 1989 में कोला सुपरडीप बोरहोल बना था.
क्यों कर रहा है छेद?
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के वैज्ञानिक मंगलवार से पृथ्वी में छेद करना शुरू कर चुके हैं. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश चीन इस छेद की मदद से सतह के ऊपर और नीचे की नई सीमाओं की खोज कर रहा है. मंगलवार की सुबह ही चीन ने पहली बार किसी नागरिक को अंतरिक्ष में भेजा है. चीनी अंतरिक्ष यात्री को गोबी मरुस्थल से अंतरिक्ष में भेजा गया है.
इस छेद को करने में आने वाली समस्याओं पर टिप्पणी करते हुए चाइनीज एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के एक वैज्ञानिक सन जिनशेंग ने कहा है कि ड्रिलिंग प्रोजेक्ट में आने वाली समस्याओं की तुलना दो पतले स्टील के केबल पर चलने वाले बड़े ट्रक से की जा सकती है.
फोटो- गेटी
हालांकि, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग बहुत पहले से ही इस प्रोजेक्ट को लेकर आश्वस्त थे. 2021 में देश के प्रमुख वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने पृथ्वी की खोज में और तेजी लाने की बात कही थी. चीनी राष्ट्रपति ने कहा था कि इस तरह के प्रोजेक्ट खनिज और ऊर्जा संसाधनों को खोजने में मदद कर सकते हैं. इसके अलावा भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट जैसी पर्यावरणीय आपदाओं के जोखिमों का आकलन करने में भी मददगार साबित हो सकते हैं.
A landmark in China's deep-Earth exploration: The drilling of the country's first borehole over 10,000 meters deep for scientific exploration began in the Tarim Basin in Xinjiang pic.twitter.com/Njf1kf1ebQ
— China Xinhua Sci-Tech (@XHscitech) May 31, 2023
इस परियोजना का नेतृत्व कर रहे चाइना नेशनल पेट्रोलियम कॉर्प के अनुसार, यह परियोजना पृथ्वी की आंतरिक संरचना पर डेटा प्रदान करेगी. साथ ही गहरी भूमिगत ड्रिलिंग तकनीकों का परीक्षण भी करेगी. इस प्रोजेक्ट की ड्रिलिंग में 457 दिन लगने की उम्मीद है.
पृथ्वी की आंतरिक संरचना
पृथ्वी की आंतरिक संरचना को तीन भागों में बांटा गया है. पृथ्वी के अन्दर के तीन हिस्से हैं- ऊपरी सतह या भू पर्पटी (Crust), केन्द्रीय भाग (Core) और आवरण (mantle). पृथ्वी के ऊपरी भाग को भू पर्पटी कहा जाता है. भू पर्पटी की मोटाई लगभग 3 से 40 किमी तक मानी जाती है. यह मुख्यतः बेसाल्ट और ग्रेनाइट से बनी है.