राज्य सरकार की वर्ष 2021-22 की कैग रिपोर्ट कल गुजरात विधानसभा भवन में पेश की गई। कैग ने सरकारी खर्च की अहमियत का जिक्र किया है। कैग की रिपोर्ट ने सरकार के लचर प्रशासन की पोल खोल दी। जिससे पता चलता है कि गुजरात सरकार का प्रशासन अराजकता जैसा है। जैसा कि सीएजी की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है, यह स्पष्ट है कि गुजरात सरकार का प्रशासन अनाड़ी साबित हुआ है।
कैग की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महंगे उपकरण खरीदे जाते हैं लेकिन उनका रखरखाव नहीं किया जाता है। यानी रखरखाव में कमी। रिपोर्ट के मुताबिक, समुद्र के खारे पानी को शुद्ध कर पीने लायक बनाने वाली इस्राइल की तकनीक (जीप टेक्नोलॉजी) पूरी तरह फेल हो गई है। रिपोर्ट बताती है कि ऐसी 7 जीपों का ठेका 12.56 करोड़ रुपये की लागत से दिया गया था। जीप में लगे प्यूरीफायर की क्षमता 20,000 से 80,000 लीटर पानी प्रतिदिन की थी, लेकिन उसकी जगह सिर्फ 5,000 से 7,000 लीटर पानी ही शुद्ध किया जा रहा था। इतना ही नहीं ऐसी जीप कच्छ और द्वारक में धूल खा जाती थी। जिसे वाकई चौंकाने वाला कहा जा सकता है।
यहां कौन सी ऐसी तकनीक है:
जो बता दे कि इस जीप से समुद्र के बेहद खारे पानी को पीने लायक शुद्ध बनाया जा सकता है। यह एक ऐसी मशीन है जो किसी भी मौसम में काम करती है और इसकी गति लगभग 90 किमी प्रति घंटा है। इस मशीन को दो लोग चला सकते हैं। यह जीप GLMobile की है। इस जीप की खास बात यह है कि यह समुद्र के बेहद खारे पानी को पीने लायक बना देती है। पीएम मोदी जब इजराइल गए तो उन्होंने इस जीप से फिल्टर किया हुआ पानी भी पिया।
कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक इस जीप को कहीं भी ले जाया जा सकता है। इसे एक ही स्थान से स्थापित और संचालित करने की आवश्यकता नहीं है। ऑटोमैटिक होने के कारण इसे इस्तेमाल करना आसान है। खास बात यह है कि इसे लगाने के बाद ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता है। यह मशीन अपने आप बिजली पैदा करती है। इतना ही नहीं, इस मशीन से शुद्ध होने वाले पानी को WHO द्वारा प्रमाणित भी किया जाता है।