IPL के बाद क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के घुटने की सर्जरी हुई है। इस सर्जरी को ऑर्थ्रोस्कोपिक रिपेयर सर्जरी कहते हैं। इस सर्जरी में काफी बारीकी के साथ घुटने के लिगामेंट और चोटिल हड्डियों की रिपेयरिंग की जाती है। लेकिन, सवाल ये है कि धोनी को इसकी जरुरत क्यों पड़ी। साथ ही मेडिकल साइंस के अनुसार किन लोगों को इसकी जरुरत पड़ती है। आइए, जानते हैं इन तमाम चीजों के बारे में विस्तार से।
क्या है ऑर्थ्रोस्कोपिक रिपेयर सर्जरी-
ऑर्थ्रोस्कोपिक रिपेयर सर्जरी में डॉक्टर घुटने के अंदर विजुअलाइज करते हुए ज्वाइंट्स के ट्रीटमेंट को शुरू करता है। इसमें लगभग एक पेंसिल जैसी चीज की मदद से सर्जरी की जाती है। ये किसी भी जोड़ पर आर्थ्रोस्कोपी करके की जा सकती है। पर ज्यादातर ये घुटने, कंधे, कोहनी, टखने, कूल्हे या कलाई पर किया जाता है। प्रक्रिया के दौरान, आपका डॉक्टर यह देखने के लिए कि आपके जोड़ में कितना नुकसान हुआ है, कई छोटे-छोटे कट लगाकर आपके जोड़ में एक आर्थोस्कोप नामक उपकरण डालेगा फिर इलाज करता है।
ऑर्थ्रोस्कोपिक रिपेयर सर्जरी की जरुरत कुछ खास स्थितियों में पड़ती है। जैसे कि
-जिन लोगों के घुटने घिस जाते हैं।
-ज्यादा फिजिकली एक्टिव लोगों में जैसे कि खिलाड़ी
-जिनके जोड़ों में चोट लगी हो
-बार-बार होती जोड़ों की सूजन में
-डैमेज ज्वाइंट्स के लिए
इस लिहाज से देखें तो खिलाड़ी जो कि फिजिकली एक्टिव रहते हैं और इस दर्द से गुजरते रहते हैं। उनके लिए इस सर्जरी की अक्सर सिफारिश की जाती है। इसके अलावा उम्र बढ़ने के साथ जब घुटने खराब होने लगते हैं तब भी ये समस्या देखी जाती है।
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तो, इस तरह से समझ लें कि ये सर्जरी क्या होती है और धोनी को इसकी क्यों जरुरत पड़ी। इसके अलावा आपको ये समझना चाहिए कि आप अपने घुटनों को हेल्दी रखने की कोशिश करें। इसके लिए एक्सरसाइज करें, तेल से घुटने की मालिश करते रहें और कैल्शिमय, विटामिन सी और विटामिन डी से भरपूर फूड्स का सेवन करें