हिंदू धर्म मे वास्तु शास्त्र का बहुत महत्व है. घर बनाने से लेकर उसकी सजावट तक को लेकर वास्तु का ध्यान दिया जाता है. घर में जूते चप्पल रखने से लेकर कपड़ों के रखरखाव तक में वास्तु का महत्व होता है. अक्सर घरों में ये बात सुनते आ रहे हैं कि जूते-चप्पलों को उल्टा नहीं रखना चाहिए. यह अशुभ माना जाता है. इससे कई तरह के परिवारिक कलह सामने आते हैं. वास्तु शास्त्र में, घर पर जूते-चप्पलों को रखने के नियम भी हैं. आइए आज हम आपको पंडित इंद्रमणि घनस्याल के मुताबिक बताते हैं कि घर में जूते-चप्पलों को उतारने और रखने से जुड़ी किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
1.उत्तर-पूर्व दिशा में ना रखें जूते-चप्पल: अक्सर लोग घर में जल्दबाजी के चक्कर में जूते और चप्पलों को यूं ही हर कहीं उतार देते हैं. वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर पर जूते और चप्पलों को उत्तर या पूर्व दिशा में नहीं रखना चाहिए. इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है. उत्तर या पूर्व दिशा में जूते-चप्पल उतारने मां लक्ष्मी नाराज होती हैं. इससे घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है. इससे घर में दरिद्रता आ सकती है. परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है.
2.जूता-चप्पल रखने की सही दिशा: वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर पर जूते-चप्पल की अलमारी को हमेशा दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखना चाहिए. बाहर से आते वक्त जूते-चप्पलों को दक्षिण या पश्चिम दिशा में ही उतारें. इस बात का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए कि जूते-चप्पलों को घर के मुख्य द्वार पर नहीं उतारना चाहिए.
3.नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है: वास्तु शास्त्रों के मुताबिक, जूते-चप्पलों को घर में कभी भी उल्टा नहीं रखना चाहिए. ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. इससे परिवार की सुख-शांति भंग होती है. इसलिए जूते-चप्पलों को उल्टा नहीं रखना चाहिए. इससे घर में दरिद्रता आती है.