Thursday, May 16, 2024

क्या आप भी पूजा घर में रखते हैं माचिस, भूलकर भी ना करें यह गलती, हो सकते हैं कई बड़े नुकसान….

वास्तु शास्त्र ऐसी विधा है, जिसके माध्यम से मनुष्य अपने जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा पा सकता है. इसमें दिशाओं का विशेष महत्व होता है. वास्तु शास्त्र में कई ऐसी चींजों का वर्णन मिलता है, जिनके उपयोग से आप अनेक समस्याओं का समाधान पा सकते हैं और अपना जीवन सुखद तरीके से जी सकते हैं. सनातन धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है और हर एक घर में मंदिर होता है, जहां पर धूप, दीप के लिए माचिस का उपयोग किया जाता है परंतु वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसे नियम बताए गए हैं, जिनके अनुसार पूजा घर में माचिस रखना वर्जित है. इसके पीछे क्या वजह है, आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.

भूलकर भी ना रखें पूजा घर में माचिस

वास्तु शास्त्र के अनुसार, कभी भी पूजा घर में माचिस नहीं रखना चाहिए. वास्तु के नियम के अनुसार, पूजा घर में माचिस रखना वर्जित होता है. पूजा घर हमारे घर का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है और वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि घर के पवित्र स्थान पर किसी भी तरह की ज्वलनशील सामग्री नहीं रखना चाहिए.

पूजा घर में माचिस रखने का असर

ज्योतिष शास्त्र के जानकार बताते हैं कि जो व्यक्ति पूजा घर में माचिस रखता है वहां नकारात्मक शक्तियां आकर्षित हो सकती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि हम सभी धूप, दीप जलाने के बाद माचिस की जली हुई तीली उसी जगह पर फेंक देते हैं. यही तीलियां नकारात्मक ऊर्जा को अपनी तरफ आकर्षित करती हैं. इसके अलावा, आपके द्वारा की गई पूजा का भी फल प्राप्त नहीं होता.

कहां रखें माचिस

वास्तु शास्त्र के अनुसार, माचिस को हमेशा किसी बंद अलमारी या बंद जगह पर रखना शुभ माना जाता है. ऐसा करने से किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा घर में आकर्षित नहीं होती.

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

-वास्तु शास्त्र के अनुसार, भूलकर भी पूजा घर में बासी फूल नहीं रखना चाहिए. ऐसा करने से घर की उन्नति में रुकावट उत्पन्न हो सकती है.

-इसके अलावा यदि घर के मंदिर में कोई मूर्ति टूट गई है या खंडित हो गई है तो उसे भी तुरंत निकाल देना चाहिए, क्योंकि घर में खंडित मूर्ति से गृह क्लेश उत्पन्न होता है और घर का माहौल तनावपूर्ण हो सकता है.

Related Articles

Stay Connected

1,158,960FansLike
856,329FollowersFollow
93,750SubscribersSubscribe

Latest Articles