Tuesday, March 19, 2024

कैसे हुआ भयानक हादसा? एक छोटी सी गलती ने ली 280 लोगों की जान – जानिए अब…

ओडिशा के बालासोर ( बहानागा ) में जो दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने एक तरफ तो दिल दहला दिया, वहीं दूसरी तरफ इस हादसे को लेकर लोगों के मन में कुछ सवाल भी नहीं हैं. शुक्रवार की शाम इस रेल हादसे का पता चलते ही एक मालगाड़ी और एक एक्सप्रेस ट्रेन ( Coromandel Train ) के बीच टक्कर की खबर सामने आई.

इस बीच 30 लोगों की मौत से लोगों में खलबली मच गई, लेकिन जब पता चला कि टक्कर दो नहीं बल्कि तीन ट्रेनों में हुई तो लोगों के लिए हैरानी की बात ये हो गई कि तीन ट्रेनें आपस में कैसे टकरा गईं? शुक्रवार शाम से लगातार बढ़ रहे मौत के आंकड़ों के बीच यह सवाल उठ रहा है कि आखिर तीनों ट्रेनें आपस में कैसे टकराईं.

कैसे हुआ हादसा, आइए समझते हैं। सबसे पहले आपको बता दें कि यह हादसा बहानगा बाजार स्टेशन के पास बालासोर स्टेशन के पास हुआ है. हादसे के वक्त आउटर लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी। हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841) बहनागा बाजार से 300 मीटर पहले पटरी से उतर गई।

हादसा इतना भयानक था कि कोरोमंडल एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी के परखच्चे उड़ गया. इसके साथ ही कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन की पिछली बोगी तीसरे ट्रैक पर आ गिरी. तभी उसी ट्रैक पर तेज गति से आ रही हावड़ा-बेंगलुरु एक्सप्रेस (12864) ट्रैक पर तेज गति से आ रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे से टकरा गई.

एक के बाद एक धमाके जैसी आवाज सुनाई दी। स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्हें एक के बाद एक तेज आवाजें सुनाई देती रहीं। एक के बाद एक तेज धमाके की आवाज सुनकर वे मौके पर पहुंचे। उन्होंने रेलगाड़ियों को पटरी से उतरते देखा और उनके सामने स्टील-लोहा और अन्य धातुओं के बेतरतीब टूटे ढेर के अलावा कुछ नहीं था।

हादसे को लेकर जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि ट्रेन संख्या 12841 (कोरोमंडल एक्सप्रेस) के डिब्बे बी2 से बी9 तक के डिब्बे पलट गए. इसी दौरान ए1-ए2 कोच भी पटरी पर पलट गए। जबकि, कोच बी1 के साथ-साथ इंजन पटरी से उतर गया और अंत में कोच एच1 और जीएस कोच ट्रैक पर ही रह गए. यानी कोरोमंडल एक्सप्रेस में मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा हो सकती है और एसी बोगियों में ज्यादा लोगों के हताहत होने की आशंका है.

बेंगलुरु-हावड़ा के कई डिब्बे क्षतिग्रस्त हो गए
जबकि ट्रेन सं. 12864 (बैंगलोर हावड़ा मेल) का एक जीएस कोच क्षतिग्रस्त हो गया। इसी दौरान पीछे वाला जीएस कोच व दो बोगियां पटरी से उतरकर पलट गईं. जबकि कोच ए1 से लेकर इंजन तक की बोगी ट्रैक पर ही रही। इस ट्रेन दुर्घटना की जांच ए.एम. चौधरी (सीआरएस/एसई सर्कल)। शनिवार सुबह ही उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।

एक झटका लगा और कई लोगों को बाहर फेंक दिया गया।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेरहामपुर के रहने वाले पीयूष पोद्दार आपदा से बचे भाग्यशाली लोगों में से एक हैं। उससे बात की तो उसने कहा कि वह कोरोमंडल एक्सप्रेस से तमिलनाडु जा रहा है। दुर्घटना कैसे हुई, इसे याद करते हुए वे कहते हैं, ‘हम चौंक गए और अचानक हमने ट्रेन की बोगी को पलटते देखा, कोच तेजी से पटरी से उतर गया और एक झटके के साथ हममें से कई लोग डिब्बे से बाहर फेंक दिए गए। हम किसी तरह बाहर निकलने में कामयाब रहे, लेकिन हमारे चारों तरफ लाशें ही लाशें थीं।

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