वास्तु शास्त्र सकारात्मक ऊर्जा और नकारात्मक ऊर्जा के सिद्धांत पर काम करता है। इस शास्त्र में घर में सकारात्मकता बढ़ाने के लिए कई नियम बताए गए हैं। अगर इन नियमों का पालन किया जाए तो घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो सकती है। आइए ज्योतिषी चिराग बेजान दारूवाला से जानते हैं बाथरूम हमेशा किचन से दूर क्यों बनाना चाहिए।
बाथरूम हमेशा किचन से रखें दूर:
वास्तु के अनुसार घर में बाथरूम और किचन कभी भी एक-दूसरे के आसपास नहीं बनाना चाहिए। लेकिन अगर फिर भी आपने जाने अनजाने में बनवा लिया है तो बाथरूम उपयोग न होने पर उसका दरवाजा हमेशा बंद रखें और उस पर पर्दा भी लगाकर रखें। ऐसा करने से बाथरूम की नकारात्मक ऊर्जा किचन में प्रवेश नहीं कर पाती है। यदि बाथरूम का दरवाजा खुला रहेगा तो हानिकारक सूक्ष्म कीटाणु रसोई में प्रवेश नहीं करेंगे और खाद्य पदार्थों को खराब नहीं करेंगे। इससे हमारी सेहत भी खराब हो सकती है। इसलिए बाथरूम का दरवाजा बंद रखना चाहिए।
रसोईघर और शौचालय किस दिशा में बनाना अधिक शुभ?:
रसोईघर और शौचालय पश्चिम दिशा में बनाना शुभ माना जाता है। लेकिन ध्यान रखें कि दोनों को आसपास न बनाएं। यदि इस दिशा में स्थान न हो तो अग्नि कोण, उत्तर पश्चिम तथा पूर्व मध्य दिशा में भी रसोईघर बनाया जा सकता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि किचन में हर सामान व्यवस्थित ढंग से रखें। आपको बता दें कि वास्तु में दिशाओं को बहुत महत्व दिया गया है और कहा गया है कि अगर घर को वास्तु के हिसाब से बनाया जाए और उसमें चीजें रखी जाएं तो घर में सुख-समृद्धि आती है और जीवन में चल रही सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा इन वास्तु टिप्स को अपनाने से जीवन में कभी भी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है।