Sunday, May 19, 2024

वृद्धावस्था में दादी को गोबर इकट्ठा करने में कठिनाई होती थी और बेटी ने ऐसी मशीन बना.. दी कि चरवाहों का अधिकांश काम आधा रह जाता था।

राजस्थानी लड़की ममता चौधरी ने बनाया अनोखा मॉडल: ममता से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने गांव में दादी और परिवार के सदस्यों को अपने हाथों से गोबर और अन्य कचरा उठाते हुए देखा, इसलिए उन्होंने बिना हाथ गंदे किए काम करने की सोची. पिता और रिश्तेदारों ने भी ममता का साथ दिया और उनका आत्मविश्वास बढ़ाया.

इस वजह से ममता ने शोध कर एक मॉडल तैयार किया और उसे इंस्पायर अवार्ड के मानक में प्रदर्शित किया। जिसके तहत अब ममता को जापान जाने के लिए चुना गया है। छात्रा ममता मूल रूप से अजमेर जिले के काकड़ी के समीप सपला की रहने वाली है, उसके पिता घीसालाल सीमेंट फैक्ट्री में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं.

गौरतलब है कि जापान सरकार हर साल भारत सरकार के सहयोग से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए एक दूसरे देश के छात्रों को आमंत्रित करती है, ताकि उन्हें सांस्कृतिक आदान-प्रदान का अवसर मिले और साथ में प्रौद्योगिकी प्रदान की जा सके। इस क्षेत्र में विकास के साथ।

जिला
शिक्षा अधिकारी कल्पना शर्मा ने बताया कि इस बार जापान की यात्रा के लिए राजस्थान से कुल 13 विद्यार्थियों का चयन किया गया है। जिसमें छात्रा ममता चौधरी चित्तौड़ जिले की एकमात्र प्रतिनिधि होंगी। टीम नवंबर में जापान जाएगी।

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