Monday, May 6, 2024

संतान की चाह में सौतेली मां बनी हैवान, 5 साल के मासूम की चढ़ा दी बलि, पहले कपूर से जलाया; फिर गमछे से घोंटा गला….

अमेठी: अंधविश्वास जब इंसान के सर पर हावी हो जाता है तो वो सही और गलत में फर्क नहीं समझ पाता है और इंसान वो कर बैठता है जिसे सोचने मात्रा से रूह कांप उठती है. कुछ ऐसा ही मामला अमेठी के जामो थाना क्षेत्र के रेशी गांव में देखने को मिला है. जहां सौतेली मां ने खुद के बच्चा ना होने से परेशान होकर तन्त्र मंत्र के चक्कर में आकर 5 साल के मासूम की बलि चढ़ा दी है. पूरे मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को पकड़कर जेल भेज दिया है.

पुलिस पूछताछ सौतेली मां रेनू ने बताया कि हमारी शादी करीब डेढ़ साल पहले जामों थाना क्षेत्र के रेशी गांव के रहने वाले जितेन्द्र प्रजापति के साथ हुई थी. जितेन्द्र की पहली पत्नी की मृत्यु हो गई थी. जिससे पैदा हुआ एक 5 साल का बच्चा गोपी उर्फ सत्येन्द्र अपने पिता जितेन्द्र के साथ ही रहता था. शादी के बाद रेनू अक्सर बीमार रहती थी. इस दौरान कई बार उसका गर्भपात भी हो गया था. जिस कारण उसको कोई बच्चा नहीं हो रहा था. इस बात को लेकर वो काफी परेशान रहती थी.

अगर सौतन के बेटे की बलि दे दूं तो मेरा बच्चा सुरक्षित हो जायेगा

इसी बीच रेनू अपने पिता के घर गई. उसके पिता ने तंत्र-मंत्र करने वाले दयाराम यादव से बात की, तो दयाराम ने बताया कि बच्चा सकुशल होने के लिए एक बच्चे की बलि देनी पड़ेगी नहीं तो बच्चा खराब हो जाएगा. इस बात को हम लोगों ने अपनी बेटी रेनू को बताया तो उसने कहा कि मेरे पति की पहली पत्नी का बेटा गोपी 4 साल का है, उसकी बलि दे देते हैं इससे मेरा होने वाला बच्चा सुरक्षित हो जाएगा और प्रोपट्री का बंटवारा भी नहीं होगा.

बेरहमी से दे दी बेटे की बलि

जिसके बाद 11 जून को रात करीब 8 बजे मोबाइल से बात कर सब लोग ग्राम रेसी बन्धे के पास पीपल के पेड़ के नीचे इकट्ठा हुए. जहां पर तांत्रिक दयाराम ने तंत्र-मंत्र करते हुए गोपी को अगरबत्ती से जलाया, जब बच्चे को जलाया तो वह चिल्लाने लगा. जिससे डर कर हम सब लोग यूकेलिप्टस के पेड़ की आड़ में बच्चे को सूनसान स्थान पर ले गए. जहां रेनू और उसकी मां प्रेमा देवी गोपी उर्फ सत्येन्द्र के गले में एक गमछे से फंदा लगाकर कस दिया. जिससे गोपी की मृत्यु हो गई.

घटना को अंजाम देते रेनू के पिता मंगरू बच्चे का पैर पकड़े हुए थे और तांत्रिक दयाराम यादव तंत्र-मंत्र पढ़ रहा था. जब हम लोगों को विश्वास हो गया कि गोपी मर गया हो तो प्रेमा देवी और रेनू ने मिलकर बच्चे की दोनों आंख, एक कान, गाल, कन्धा, दाहिने हाथ की कोहनी, ठुड्डी, एक हाथ की अंगुली पर कपूर डाल कर माचिस और चिलम से चला दिया. पकड़े जाने के डर से तन्त्र मंत्र पूरा होने के पश्चात शव को गड्ढ़े में छिपाकर तीनों लोग मौके से फरार हो गए.

फाफक कर रो पड़ा पिता

खुलासे के समय बच्चे का पिता फफक कर रो पड़ा और रोते हुए कहा जिस बच्चे को पालने के लिये शादी की थी अगर जानता की वही जान की दुश्मन बन जाएगी तो मैं कभी इससे शादी नहीं करता.

Related Articles

Stay Connected

1,158,960FansLike
856,329FollowersFollow
93,750SubscribersSubscribe

Latest Articles