भारत का एक अनोखा गांव, जहां हर परिवार में जुड़वा बच्चे पैदा होते हैं, डॉक्टर भी रह जाते हैं हैरान
कोडिन्ही केरल के मलप्पुरम जिले में स्थित एक गाँव है। इस गांव में कुल 2000 परिवार रहते हैं। इस गांव की खासियत यह है कि यहां के ज्यादातर बच्चे जुड़वा होते हैं।
यह दुनिया रहस्यों से भरी पड़ी है। हालांकि समय-समय पर कई रहस्य भी सामने आए हैं। लेकिन, कई लोगों की गुत्थी आज तक नहीं सुलझ सकी है। आज हम आपको भारत के एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका रहस्य आज तक कोई नहीं सुलझा पाया है। इतना ही नहीं इस सच्चाई के बारे में जानकर सीनियर डॉक्टर भी हैरान हैं। तो आइए जानते हैं इस गांव के बारे में कुछ रोचक तथ्य।
अन्य गांवों की तरह भारत का यह गांव भी बेहद साधारण है। लेकिन, बच्चों के जन्म को लेकर एक ऐसी कहानी है, जिसने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। कोडिन्ही केरल के मलप्पुरम जिले में स्थित एक गाँव है। इस गांव में कुल 2000 परिवार रहते हैं। इस गांव की खासियत यह है कि यहां के ज्यादातर बच्चे जुड़वा होते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक इस गांव में 220 से ज्यादा आपस में जुड़े जुड़वा बच्चे हैं। इस गांव में जुड़वां बच्चों की जन्म दर भारत में पैदा होने वाले जुड़वा बच्चों की जन्म दर से काफी अधिक है। बड़ी बात यह है कि इसी गांव में भारत की पहली जुड़वाँ से जुड़ी यूनियन भी बनाई गई है।
जानकारी के मुताबिक, इस गांव में सबसे पुराने जुड़वा बच्चों का जन्म 1949 में हुआ था। जैसे-जैसे साल बीत रहे हैं, कोडिन्ही में जुड़वा बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां शून्य से दस वर्ष के आयु वर्ग में आने वाले बच्चों के जोड़े की संख्या 79 से अधिक है।
कहा जाता है कि इस रहस्य को सुलझाने के लिए जर्मनी और ब्रिटेन का एक संयुक्त अध्ययन दल भी यहां आया था। अध्ययन के लिए लोगों का डीएनए भी लिया गया। लेकिन, असल वजह आज तक कोई नहीं समझ पाया है। 85 इस गांव की 85% आबादी मुस्लिम है, लेकिन ऐसा नहीं है कि हिंदू परिवारों में जुड़वा बच्चे पैदा नहीं होते। कहा तो यह भी जाता है कि यहां 1000 बच्चों में 42 जुड़वा बच्चे पैदा होते हैं।
गांव के प्राथमिक विद्यालय में जुड़वां बच्चों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि शिक्षकों को बच्चों की पहचान करने में परेशानी हो रही है. दो बच्चे ऐसे दिखाई देते हैं जैसे वे प्रलाप कर रहे हों। इसके अलावा भी कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जहां एक ही समय में तीन बच्चों का जन्म हुआ। गांव में बुजुर्ग, अधेड़, युवा और यहां तक कि बच्चे भी एक ही शक्ल लिए घूमते नजर आ रहे हैं।
हैरान करने वाली बात यह है कि बाहर से शादी करने वाली महिलाएं जुड़वा बच्चों को भी जन्म देती हैं। साथ ही जो लड़कियां अपने ससुराल में शादी करके दूसरे गांव जाती हैं उन्हें जुड़वा बच्चे होते हैं। इस स्थिति को ग्रामीण पिछले 70 वर्षों से झेल रहे हैं। इसे लेकर ट्विन्स एंड किंस एसोसिएशन के लोगों ने सर्वे और जांच भी कराई है, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में जुड़वा बच्चे क्यों पैदा हो रहे हैं, इस पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। कोडिनिहा गांव के आसपास के गांवों में जोडका बच्चे पैदा नहीं होते हैं। इसलिए कुछ परिवार जुड़वा बच्चों की समस्या के कारण गांव छोड़कर भी जा रहे हैं। 2000 की आबादी वाले गांव में करीब 300 जुड़वा बच्चे हैं।