मच्छरों से होने वाली गंभीर बीमारी यानी मलेरिया के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के मकसद से हर साल 25 अप्रैल को ‘विश्व मलेरिया दिवस’ मनाया जाता है. यह रोग मादा मच्छर एनोफिलीज के काटने से होता है. अगर सही समय पर इसका इलाज शुरू किया जाए, तो मरीज दो से पांच दिन में ठीक हो सकता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि मच्छर को खूंखार जानवर और सांपों से भी खतरनाक माना जाता है.
मच्छरों की तीन हजार प्रजातियां हैं, जो किसी अन्य जीव की तुलना में सबसे अधिक बीमारियां फैलाती हैं. मादा मच्छर एक समय में 300 अंडे देती है. नर मच्छर 10 दिन तो मादा आठ सप्ताह तक ही जीवित रहती है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि मच्छरों के छह पैर और मुंह में 47 दांत होते हैं. ये ज्यादातर ‘O’ ब्लड ग्रुप वाले लोगों को काटते हैंरिसर्च कहती है कि अगर आप बीयर के शौकीन हैं, तो आपको मच्छर जरूर टारगेट करेंगे. मच्छर एक बार में आपके शरीर से 0.001 से 0.1 मिलीलीटर तक खून चूस सकते हैं.रिसर्च से यह भी पता चला है कि मच्छरों की याद्दाश्त बड़ी तेज होती है. अगर आपने किसी मच्छर को मारने की कोशिश की, तो वो अगले 24 घंटों तक आपके आसपास भी नहीं भटकेगा
इंसानों को नर नहीं, बल्कि मादा मच्छर काटती है. क्योंकि अपने अंडों के विकास के लिए मादा मच्छर को प्रोटीन की जरूरत होती है, जो उसे इंसानी खून से मिलती है.