आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि योगिनी एकादशी के नाम से जानी जाती है. इस दिन भक्त पूरी श्रद्धा से भगवान विष्णु की आराधना करते हैं. यह एकादशी समस्त पापों का नाश करती है. माना जाता है कि इस व्रत को करने से हर तरह के श्रापों से मुक्ति मिल जाती है. जानते हैं कि इस बार योगिनी एकादशी किस दिन मनाई जाएगी.
योगिनी एकादशी की सही तिथि
एकादशी तिथि का प्रारंभ 13 जून की सुबह 09:28 मिनट पर होगा जो 14 जून की सुबह 08:28 मिनट पर समाप्त होगा. उदया तिथि के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत 14 जून, बुधवार के दिन रखा जाएगा. इस दिन केवल जल ग्रहण करना चाहिए. इस दिन दिन दान-दक्षिणा करने के साथ ही विष्णु और शिव जी की उपासना करनी चाहिए.
योगिनी एकादशी व्रत का पारण
योगिनी एकादशी का पारण 15 जून को सुबह 05:23 बजे से सुबह 08:10 बजे के बीच किया जा सकता है. उस दिन द्वादशी तिथि सुबह 08:32 बजे तक ही है. व्रत का पारण हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए.
योगिनी एकादशी व्रत के लाभ
योगिनी एकादशी का व्रत बेहद फलदायी माना जाता है. इसे करने से 80 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य मिलता है. माना जाता है कि यह एकादशी सभी पाप से मुक्ति दिलाती है. इस व्रत के पुण्य प्रभाव से व्यक्ति को सभी सुख प्राप्त होते हैं और मृत्यु बाद विष्णु कृपा से व्यक्ति को मोक्ष मिल जाता है.
योगिनी एकादशी का व्रत करने और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-पाठ करने और कथा पढ़ने से बहुत लाभ मिलता है. योगिनी एकादशी का व्रत रखने से जातक के सभी कष्टों का अंत होता और बीमारियों से मुक्ति मिलती है. निरोग और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए योगिनी एकादशी का व्रत जरुर रखना चाहिए. योगिनी एकादशी व्र को रखने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है.