Saturday, July 27, 2024

9 साल तक मां के पेट में फंसा रहा बच्चा, डॉक्टर भी रह गए हैरान..

माँ की मृत्यु: आमतौर पर बच्चे का जन्म गर्भावस्था के नौवें या दसवें महीने में होता है। कुछ मामलों में तो मां का प्रसव सातवें या आठवें महीने में भी हो जाता है। लेकिन अगर किसी महिला को गर्भधारण के बाद नौ साल तक बच्चा नहीं होता है तो आप हैरान रह जाएंगे। अमेरिका में एक महिला ने नौ साल तक अपने पेट में एक बच्चे को रखा। बच्चा पैदा भी नहीं हुआ था। जब उन्होंने डॉक्टर को दिखाया तो वह भी हैरान रह गए। आखिरकार इससे महिला को एक दुर्लभ बीमारी हो गई और उसकी मौत हो गई। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

कांगो की यह महिला नौ साल पहले गर्भवती हुई थी

लेकिन 28 सप्ताह में महिला को एहसास हुआ कि बच्चा अब हिल नहीं रहा है। भ्रूण का विकास रुक गया था। तब गर्भपात होना था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। डॉक्टर को दिखाया तो उसने कहा कि बच्चे की सांसे थम चुकी है। कुछ दवाएं लिखीं। कहा- इससे गर्भपात हो जाएगा। यदि नहीं, तो दो सप्ताह बाद वापस आएं। लेकिन जब महिला क्लीनिक से घर लौट रही थी तो लोगों ने उसके साथ गाली-गलौज की। उसे डायन बताकर ताना मारा। महिला इतनी आहत हुई कि वह मंदिर गई और भगवान से प्रार्थना करने लगी। उसी समय, उसने फैसला किया कि वह बच्चे की सर्जरी कभी नहीं करवाएगी।

डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक , महिला के पेट में पथरी हो गई थी,
वह कुछ दिन पहले अमेरिका आई थी. एक दिन अचानक उन्हें पेट में मरोड़ और बदहजमी होने लगी। दर्द होने लगा। वह अस्पताल पहुंचा। डॉक्टरों ने स्कैन किया तो हैरान रह गए। महिला के पेट में अभी भी भ्रूण मौजूद था। वह पत्थर बन गया था और आंत के पास फंस गया था। जिससे आंतें सिकुड़ गई थीं। उसने जो भी खाया वह पचा नहीं और महिला कुपोषित हो गई। आखिरकार कुछ दिन पहले उनकी मौत हो गई।

दुनिया में ऐसे केवल 290 मामले सामने आए.डॉक्टरों
ने कहा कि यह स्थिति तब होती है जब भ्रूण गर्भाशय के बजाय पेट में विकसित होने लगता है. विज्ञान की भाषा में इसे लिथोपेडियन कहते हैं। बच्चे को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता है और उसका विकास रुक जाता है। ऐसी स्थिति में शरीर भ्रूण को बाहर निकालने में असमर्थ होता है। क्योंकि इसे गलत जगह बनाया गया है। यह एक दुर्लभ घटना है। अभी तक दुनियाभर में ऐसे 290 मामले ही सामने आए हैं। इस तरह की पहली घटना 1582 में फ्रांस में दर्ज की गई थी।

ऐसा क्यूँ होता है?
ऐसा तब होता है जब गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय के बाहर विकसित हो रहे भ्रूण की मृत्यु हो जाती है और वह शरीर से बाहर नहीं निकल पाता है। भ्रूण पर कैल्शियम की एक परत जम जाती है और धीरे-धीरे वह पत्थर जैसा दिखने लगता है। इसे स्टोन बेबी भी कहा जाता है। यह गर्भावस्था की कई जटिलताओं में से एक है जिसका मां के स्वास्थ्य पर गंभीर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है। कभी-कभी दिल का दौरा पड़ने से मां की मौत भी हो सकती है। हालांकि, कई महिलाएं दशकों तक इस तरह से रह सकती हैं। लेकिन सबसे अच्छा तरीका है किऑपरेशन करके भ्रूण को तुरंत हटा दिया जाए।

Related Articles

Stay Connected

1,158,960FansLike
856,329FollowersFollow
93,750SubscribersSubscribe

Latest Articles