यह तो आप जानते ही हैं कि संसार में जितनी भी श्रेष्ठ शक्तियां हैं, वह सब ईश्वर ने ही मनुष्यों को भोग-विलास करने के लिए दी हैं. धन की उत्पत्ति भी उन्हीं के द्वारा दी हुई है. लक्ष्मी के रूप में संसार का कल्याण होता है, इसलिए धन का सदुपयोग यानी कल्याण के काम में ही लगाना चाहिए. धन का सदुपयोग न होने अर्थात दुरुपयोग होने पर व्यक्ति में चोरी, हिंसा, झूठ, दंभ, काम, क्रोध, गर्व, मद, भेद बुद्धि, बैर, अविश्वास, स्पर्धा, लपटता, जुआ और शराब जैसी बुराइयां आ जाती हैं. इन सबसे बचना चाहिए. यहां पर कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं जिनका इस्तेमाल कर धन हानि से बचा जा सकता है.
– मंगलवार के दिन किसी से धन नहीं मांगना चाहिए. मंगलवार को चढ़ा हुआ कर्ज आसानी से नहीं उतर पाता है.
– बुधवार के दिन कर्ज नहीं देना चाहिए. मान्यता है कि इस दिन लोग अपनी बेटियों को मायके से ससुराल नहीं भेजते हैं. कहते हैं कि इस दिन गई हुई चीज की वापसी में संदेह रहता है. इस दिन दान करने से धन का कोष बढ़ता है.
– एकादशी और अमावस्या के दिन धन का निरादर नहीं करना चाहिए, क्योंकि धन लक्ष्मी स्वरूप है और लक्ष्मी भगवान नारायण श्री विष्णु जी की पत्नी हैं. अतः इन तिथियों में श्री विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा करनी चाहिए, जिससे धन की वृद्धि होती है.
– घर में दक्षिणावर्ती शंख रखना भी धन की वृद्धि कराता है.
– दुर्गा सप्तशती की विधिवत पाठ से दरिद्रता दूर होती है. ऐसे में किसी सुयोग ज्योतिषी और पंडित की सलाह पर पाठ करना चाहिए. ऐसे में नवरात्रि में यह पाठ अवश्य करना चाहिए.