Sunday, April 28, 2024

इन स्थितियों में ही मुंह से निकालनी चाहिए बातें, जानें गीता के अनमोल वचन…

श्रीमद्भागवत गीता में भगवान कृष्ण के उपदेशों का वर्णन है. गीता के ये उपदेश श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन को दिए थे. गीता में दिए उपदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं और मनुष्य को जीवन जीने की सही राह दिखाते हैं. गीता की बातों को जीवन में अपनाने से व्यक्ति को खूब तरक्की मिलती है.

गीता एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जो मानव को जीने का ढंग सिखाता है. गीता जीवन में धर्म, कर्म और प्रेम का पाठ पढ़ाती है.श्रीमद्भागवत गीता का ज्ञान मानव जीवन के लिए उपयोगी माना गया है. गीता संपूर्ण जीवन दर्शन है और इसका अनुसरण करने वाला व्यक्ति सर्वश्रेष्ठ होता है. गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है कि इन स्थितियों में ही मुंह से बातें निकालनी चाहिए

गीता के अनमोल वचन:

  • गीता में श्री कृष्ण कहते हैं कि किसी भी मनुष्य को अपना मुंह तभी खोलना चाहिए, जब उसे यह पता हो कि वो जो कहना जा रहा है, वह मौन से अधिक सुंदर है.
  • श्री कृष्ण कहते हैं कि जब समस्याओं पर ध्यान लगाओगे तो लक्ष्य दिखना बंद हो जाएगा, वहीं जब लक्ष्य पर ध्यान लगाओगे तो समस्याएं दिखनी बंद हो जाएंगी.
  • गीत में लिखा है कि जब व्यक्ति खुद पर भरोसा रखता है तो वह ताकतवर बन जाता है लेकिन जब खुद से ज्यादा दूसरों पर भरोसा रखने लगता है तो यह उसकी कमजोरी बन जाती है.
  • गीता में श्री कृष्ण कहते हैं कि जरूरत से ज्यादा आराम और प्रेम इंसान को कहीं का नहीं छोड़ता है. यह दोनों चीजें मनुष्य को अपाहिज बना देती हैं.
  • श्री कृष्ण कहते हैं केवल पैसों से कोई भी व्यक्ति धनवान नहीं बनता है. असली धनवान वही व्यक्ति है जिसके पास अच्छी सोच, मधुर व्यवहार और सुंदर विचार हों.
  • व्यक्ति अकेले पैदा होता है और अकेले मर जाता है और वो अपने अच्छे और बुरे कर्मों का फल खुद ही भुगतता है. इसलिए लोगों की भीड़ इकट्ठा करने की बजाय अपने कर्मों पर ध्यान देना चाहिए. गीता के अनुसार बीता हुआ कल जीवन को समझने का एक अच्छा मौका है जबकि आने वाला कल जीवन को जीने का एक दूसरा मौका है.

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