हम दिन में कितनी बार अपने पोर को चटकाते हैं? क्या आपने कभी सोचा है कि उंगलियां चटकाने पर आवाज क्यों आती है और बार-बार ऐसा करने से हमारे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है? आज हम उन सभी सवालों के जवाब देंगे। आपने कई बार देखा होगा कि कई लोग बैठे-बैठे अपनी उंगलियां चटकाते रहते हैं। इसे करने में काफी मजा आता है और ऐसा महसूस होता है कि हाथ कम थके हैं। चलो पता करते हैं।
इसी वजह से आवाज आती है।आपने हमेशा देखा होगा कि एक उंगली के स्ट्रोक के बाद अगर आप इसे दोबारा स्ट्रोक करेंगे तो आवाज नहीं आएगी। दोबारा आवाज सुनने के लिए आपको कम से कम 20 मिनट इंतजार करना होगा। आपको बता दें कि शरीर के जोड़ में एक तरल पदार्थ होता है, जिसे साइनोवियल फ्लूइड कहते हैं। उंगलियों को फड़फड़ाने पर इस जोड़ के बीच से द्रव गैस निकलती है और इसके अंदर बने बुलबुले भी फटने लगते हैं। इसमें अंगुली चटकने की आवाज आती है।
एक रिसर्च:
के मुताबिक बंदरों की उंगलियों को थपथपाने से सिनोवियल फ्लूइड कम होने लगता है। यह तरल पदार्थ ग्रीसिंग एजेंट के रूप में काम करता है इसलिए अगर इसका पूरा सेवन किया जाए तो हड्डियों में दर्द बढ़ने लगता है।
क्या उंगली चुभने से गठिया होता है? :
हालांकि, कुछ शोधों में दावा किया गया है कि इससे जोड़ों में दर्द की समस्या बढ़ जाती है। इसलिए, आप जितनी कम उंगली चुभेंगे, आपका स्वास्थ्य उतना ही अच्छा रहेगा। कुछ लोगों का मानना है कि बार-बार उंगली चुभने से गठिया हो सकता है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है, कई डॉक्टर भी मानते हैं कि उंगली चुभने से गठिया नहीं होता है।