भाग्यवान व्यक्ति के जीवन में शनि की साढ़ेसाती 4 बार आती है. जबकि सामान्य व्यक्ति के जीवन में 2 या 3 बार शनि की साढ़ेसाती आती है. जबकि ढैय्या चंद्र राशि के आधार पर तय होती है. ये आपके जीवन में किए गए कर्मों का फल देने के लिए आती हैं.
साढ़ेसाती और ढैय्या से हैं परेशान?
शनि जयंती पर ये उपाय करने से दूर होंगे संकट
ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है. ज्येष्ठ अमावस्या को शनि जयंती भी कहते हैं. ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि इस दिन शनि देव का प्राकट्य हुआ था. इसलिए इस दिन उनका जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस दिन शनि देव की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा मिलती है. जिन लोगों पर शनीकृत पीड़ा चल रही है, उन्हें शनि का आशीर्वाद मिल सकता है. शनि को प्रसन्न करने के बाद नया वाहन, सोना-चांदी और मकान-संपत्ति आदि का लाभ आपको मिल सकता है.
ज्योतिषविद का कहना है कि भाग्यवान व्यक्ति के जीवन में शनि की साढ़ेसाती 4 बार आती है. जबकि सामान्य व्यक्ति के जीवन में 2 या 3 बार शनि की साढ़ेसाती आती है. जबकि ढैय्या चंद्र राशि के आधार पर तय होती है. ये आपके जीवन में किए गए कर्मों का फल देने के लिए आती हैं. शनि न्यायाधीश का कार्य करते हैं और यह तब पीड़ा देंगे जब आपने कोई बुरा कार्य किया होगा. अच्छे कर्म करने वाल निश्चित ही ये आपको शुभ परिणाम देंगी.
साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत
साढ़ेसाती का मतलब साढ़े 7 साल है. यदि शनि की साढ़ेसाती आपको परेशान कर रही है तो शनि के मंत्रों का जाप करें. शनि की वस्तुओं और सरसों के तेल का दान करें. शिवलिंग के ऊपर काले तिल जल में मिलाकर चढ़ाएं. आपको साढ़ेसाती और ढैय्या का दुष्प्रभाव से राहत मिल जाएगी. यदि आप चरित्ररिक रूप से अच्छे हैं. भजन-भोजन करने में शुद्धता रखते हैं तो शनि आपको पीड़ा नहीं देगा.