सावन के बाद भाद्रपद का महीना 31 अगस्त 2023 से शुरू हो जाएगा. भादो माह भगवान कृष्ण की उपासना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था.
हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है. इस साल कृष्ण जन्माष्टमी की डेट को लेकर लोगों में कंफ्यूजन बना हुआ है. आइए जानते हैं कृष्ण जन्माष्टमी की सही तारीख और मुहूर्त.
6 या 7 सितंबर कब है जन्माष्टमी 2023 ? :
भाद्रपद माह के कृष्ण जन्माष्टमी तिथि 06 सितंबर 2023 को दोपहर 03.37 मिनट पर शुरू हो रही है. अष्टमी तिथि का समापन 07 सितंबर 2023 को शाम 04.14 मिनट पर होगा.
पुराणों के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस मान्यता के अनुसार गृहस्थ जीवन वाले 6 सितंबर को जन्मोत्सव मनाएंगे. इसी दिन रोहिनी नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है. वहीं वैष्णव संप्रदाय में श्रीकृष्ण की पूजा का अलग विधान है ऐसे में वैष्णव संप्रदाय में 07 सिंतबर को जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाएगा.
रोहिणी नक्षत्र शुरू- 06 सितंबर 2023, सुबह 09:20
रोहिणी नक्षत्र समाप्त – 07 सितंबर 2023, सुबह 10:25
जन्माष्टमी 2023 मुहूर्त
श्रीकृष्ण पूजा का समय – मध्यरात्रि 12:02 – मध्यरात्रि 12:48 (7 सितंबर 2022)
पूजा अवधि – 46 मिनट
व्रत पारण समय – 7 सिंतबर 2023, सुबह 06.09
कृष्ण जन्माष्टमी व्रत महत्व
पृथ्वी लोक पर कंस के बढ़ रहे अत्याचारों को खत्म करने और धर्म की स्थापना के लिए जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने पृथ्वी पर जन्म लिया था. कृष्ण को श्रीहरि विष्णु का सबसे सुंदर अवतार माना जाता है. मान्यता है कि जन्माष्टमी पर कान्हा की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता और व्यक्ति स्वर्गलोक में स्थान पाता है. श्रीकृष्ण की पूजा से संसार के समस्त सुख का आनंद मिलता है. संतान प्राप्ति के लिए इस दिन कान्हा की पूजा अधिक फलदायी मानी गई है. कहते हैं जन्माष्टमी पर कान्हा को माखन, मिश्री, पंजरी, खीरे का भोग लगाने वाले के हर कष्ट दूर हो जाते हैं.