Monday, May 20, 2024

सावन की विनायक चतुर्थी पर ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा, दस गुना ज्यादा फल की होगी प्राप्ति….

सनातन धर्म के पंचांग के अनुसार, अमावस के बाद आने वाले शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी कहते हैं. प्रत्येक मास में दो बार चतुर्थी आती है. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से विद्या और धन दोनों की प्राप्ति होती है और परिवार में सुख शांति बनी रहती है.

प्रत्येक महीने में शुक्ल पक्ष के अमावस के बाद पड़ने वाली चतुर्थी के अवसर पर विनायक चतुर्थी मनाई जाती है, लेकिन 19 साल बाद विशेष योग बनने के कारण सावन के महीने में शुक्ल पक्ष चतुर्थी का महत्व बढ़ जाता है. अधिक मास की विनायक चतुर्थी में भगवान गणेश की पूजा से दस गुना अधिक लाभ मिलेगा, इसलिए विनायक चतुर्थी का महत्व काफी बढ़ गया है.

ये है विधि

आचार्य पंडित अरुणेश मिश्रा ने बताया कि 19 साल बाद सावन के महीने से गणेश चतुर्थी पर पूजा पाठ का विशेष महत्व है. श्री गणेश चतुर्थी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करना चाहिए और लाल कपड़ा धारण करना चाहिए. दोपहर भोजन के समय अपने सामर्थ के अनुसार तांबे, पीतल, मिट्टी, सोना और चांदी से निर्मित गणेश जी की स्थापना करनी चाहिए. गणेश जी की विधि विराम से आरती करने के बाद गणेश जी की मूर्ति पर संतोष आना चाहिए और गणेश मंत्र ऊं ग गणपतयै नमः बोलकर 21 दूर्वा अर्पित करना चाहिए.

भगवान गणेश को बूंदी के लड्डू चढ़ाकर पूजन करना चाहिए और पूजा के समय श्री गणेश स्त्रोत, संकट नाशक स्त्रोत, अथर्वशीर्ष और ऊं गणेशाय नम: का एक माला जाप करें. इससे गणपति बप्पा प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को बुद्धि और ज्ञान के साथ-साथ सुख समृद्धि प्रदान करते हैं.उन्होंने बताया कि गणेश चतुर्थी 21 जुलाई 2023 दिन शुक्रवार को सुबह 6:58 बजे से प्रारंभ होकर 22 जुलाई 2023 दिन शनिवार को सुबह 9:00 बजे विनायक चतुर्थी समाप्त होगी. इस दिन गणेश जी की पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त 21 जुलाई 2023 दिन शुक्रवार को सुबह 11.05 बजे से 01:50 बजे तक रहेगा, जिसकी अवधि 02 घंटे 45 मिनट होगी.

Related Articles

Stay Connected

1,158,960FansLike
856,329FollowersFollow
93,750SubscribersSubscribe

Latest Articles