22 मार्च 2023 से चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ हो गया है। नवरात्रि के ये दिन भगवती को प्रसन्न करने और मनोकामना पूर्ति का वरदान पाने के लिए विशेष दिन हैं। इस दौरान देवी की पूजा करने के लिए कुछ मंत्रों का विधान किया गया है। नवरात्रि में मां दुर्गा के इस मंत्र का जाप करने से मन और शरीर की शुद्धि होती है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और सुख-शांति आती है।
शास्त्रों के अनुसार मृत्युलोक में दुर्गा सप्तश्लोक के सात मंत्रों का पाठ करने से व्यक्ति को असाधारण शक्ति प्राप्त होती है। इन मंत्रों के जाप से भक्तों को उनके सभी पुण्य कर्मों का फल मिलता है। कलियुग में इस मंत्र का जाप मनुष्य के लिए लाभकारी सिद्ध होता है। जो कोई भी इस मंत्र का जाप करता है वह सभी प्रकार के भय और चिंता से मुक्त हो जाता है। जो व्यक्ति नवरात्रि के दौरान इन मंत्रों का जाप करता है, उसे जीवन भर के लिए दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
सप्तशलोकी दुर्गा मंत्र
– ૐ ज्ञानिनाम्पि चांसी देवी भगवती हिसा, बलदकृष्य मोहाय महामाया प्रयाच्छति
– दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजंतो: स्वस्थै: स्मृता मतिमतिव शुभं ददासी,
गरीबी
-सर्वमंगल मंगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तु ते
-समर्पण भाव से
-सर्वस्यार्तिहारे देवी नारायणी नमोस्तुते ते सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसम्नाविते, बेहेभ्यस्त्रोही नो देवी दुर्गे देवी नमोस्तुते ते
-रोगनशेषणपहसि तुष्ट रुष्ट तू काम सकलनभिष्ठान, त्वमश्रित न विपरानना त्वमश्रित ह्यश्रयतन प्रयन्ति
-सर्वबाधप्राशमन् त्रैलोक्यवस्याखिलेश्वरी, अवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरीविनाणम्