शास्त्रों के अनुसार हनुमानजी की पूजा में चरणामृत और पंचामृत का उपयोग नहीं किया जाता है। बजरंगबली को गंगाजल से ही स्नान कराएं। यह काम केवल पुरुषों को करना चाहिए, महिलाओं को मूर्ति को छूने की अनुमति नहीं है।
हनुमान जयंती के दिन राहु काल का विशेष ध्यान रखें, यह अशुभ माना जाता है। राहु काल में बजरंगबली की पूजा नहीं करनी चाहिए इससे पूजा अनुचित होती है। इस बार हनुमान जयंती 6 अप्रैल 2023 को राहु काल दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से 03 बजकर 33 मिनट तक है।
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हनुमानजी वानर राजा केसरी के पुत्र हैं, इसलिए हनुमान जयंती के दिन भूलकर भी बंदरों को परेशान न करें। ऐसा करना बजरंगी के प्रकोप का कारण बन सकता है।
पवनपुत्र हनुमान की पूजा का फल तभी मिलता है जब तन और मन दोनों पवित्र हों। हनुमान जयंती के दिन भूल से भी काले रंग के कपड़े न पहनें। यह नकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाता है। बजरंगी की पूजा में लाल रंग को बेहद शुभ माना जाता है।
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श्री राम और माता अंजनी की पूजा के बिना हनुमान जी की पूजा अधूरी मानी जाती है। हनुमान जयंती पर हनुमान लला को जन्म दें और उनकी पूजा भी करें। पूजा स्थल पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें। पूजा में तेल का दीपक जलाएं, फिर उसमें लाल धागे की बाती रखें।
हनुमान जयंती पर तामसिक पदार्थ जैसे मांस, मछली, अंडे, लहसुन, प्याज आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही पूजा से एक दिन पहले ब्रह्मचर्य का पालन करें।