वास्तु टिप्स चकला बेलन के लिए: ज्योतिष की तरह वास्तु शास्त्र में भी वेलन-पतली को विशेष महत्व दिया गया है। हिन्दू शास्त्रों में कहा गया है कि मां अन्नपूर्णा का वास रसोई घर में होता है। व्यक्ति की छोटी-छोटी गलतियों से माता अन्नपूर्णा और माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार किचन में इस्तेमाल होने वाली हर वस्तु का अपना एक खास महत्व होता है। अदनी-वेलन भी इन्हीं चीजों में से एक है।
वास्तुशास्त्र में वेलन से रोटी बनाने, रखने और खरीदने के कुछ नियम बताए गए हैं। वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि वेलन-पाटली खरीदते समय काफी सावधानियां बरतनी चाहिए, नहीं तो इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं। जानिए वास्तु शास्त्र के अनुसार किन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
वेलन-पाटली से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियम
1. इस दिन वेलन-पाटली खरीदना शुभ होता है: वास्तु शास्त्र में हर मामले में कुछ जरूरी बातों पर जोर दिया जाता है। वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप लकड़ी की वेलन-पाटली खरीदने जा रहे हैं तो गुरुवार का दिन उसके लिए बेहद खास है। वहीं बुधवार के दिन भी लकड़ी की बेलन-पतली खरीदी जा सकती है। लेकिन इसे भूलकर भी शनिवार और मंगलवार को नहीं खरीदना चाहिए।
2. वेलन-पाटली खरीदते समय ध्यान रखें: अक्सर लोग इस बात से अनजान होते हैं कि वेलन-पाटली खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। दरअसल, लोग जल्दबाजी में वेलन-पाटली खरीद कर घर ले आते हैं। ऐसी वेलन-पाल्टी खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह कहीं भी ऊँची या नीची न हो। कहा जाता है कि रोटी बनाते समय यह जो आवाज करती है वह वास्तु दोष का कारण बनती है।
3. ऐसे वेलन-पतली का प्रयोग न करें: वास्तुशास्त्र में कहा गया है कि रसोई घर में ऐसी अडानी-वेलन का प्रयोग नहीं करना चाहिए, जिसके प्रयोग से आवाज आती हो। इस ध्वनि से घर में क्लेश और धन की हानि होती है।
4. ऐसे रखें वेलन-पाटली :वास्तु विशेषज्ञ कहते हैं कि किचन में अडानी-वेलन रखने का नियम है। उपयोग के तुरंत बाद इसे धोकर सुखा लेना चाहिए। जानकारों का कहना है कि इस्तेमाल के बाद इसे कभी भी गंदा न रहने दें। यदि कोई ऐसा करता है तो यह वास्तु दोष पैदा करता है। साथ ही मां अन्नपूर्णा नाराज हो जाती हैं।