बाबुमोशाय जिंदगी बड़ी होनी चाहिए, लंबी नहीं.’, ‘हम आने वाले गम को खींचतान कर आज की खुशी पे ले आते हैं और उस खुशी में जहर घोल देते हैं.’ ये डायलॉग पढ़कर आप समझ गए होंगे कि हम किस फिल्म की बात कर रहे हैं. ये है राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन की सुपरहिट फिल्म ‘आनंद’.
ऋषिकेश मुखर्जी की जिंदगी से भरा यह इमोशनल ड्रामा 12 मार्च 1971 को रिलीज हुआ था. 122 मिनट की इस जिंदगी पर आधारित इस मूवी को बिमल दत्ता, गुलजार, डीएन मुखर्जी, बिरेन त्रिपाठी और ऋषिकेश मुखर्जी ने मिलकर लिखा था.
जिंदगी और मौत के बीच की इस कहानी को लोगों ने खूब प्यार दिया. फिल्म ने इस कदर दर्शकों के दिलों पर छाप छोड़ी थी कि सिनेमाघरों से उस दौर में लोग रोते हुए बहार निकलते थे. राजेश खन्ना के साथ ही यह फिल्म अमिताभ बच्चन के लिए भी काफी खास बन गई थी.
‘आनंद’ के बजट की बात करें तो यह सिर्फ 30 लाख रुपये में बनी थी. वहीं, कलेक्शन की बात करें तो इसने .98 करोड़ रुपये कमाए थे यानी यह आज के 47 करोड़ के बराबर है. कल्ट फिल्म ने उस दौर में कलेक्शन का नया रिकॉर्ड बना लिया था.
राजेश खन्ना ने इस फिल्म में जितने भी डायलॉग बोले थे, वह सभी बेहद हिट रहे थे. इसके अलावा इस फिल्म के सभी गाने जैसे ‘कहीं दूर जब दिन ढल जाए’, ‘जिंदगी कैसी है पहेली’, ‘मैंने तेरे लिए ही सात रंग के’ आदि ब्लॉकबस्टर रहे थे और आज भी सुने जाते हैं.
दर्शकों ने ‘आनंद’ को खूब प्यार दिया. साथ ही फिल्म के नाम कई अवॉर्ड भी हुए. ऋषिकेश मुखर्जी को बेस्ट मूवी का नेशनल अवॉर्ड मिला था. इसके अलावा ऋषिकेश मुखर्जी, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन और गुलजार की झोली में फिल्मफेयर अवॉर्ड भी आया था.