मधुमक्खी पालन आय का एक बेहतर स्रोत है.इससे बेरोजगार युवक अच्छी आमदनी कर सकते हैं. मधुमक्खी पालन एक ऐसा व्यवसाय है, जिसमें बहुत कम लागत में दो गुणासे अधिक मुनाफा है. आज हम आपको गया जिले के एक ऐसे ही मधुमक्खी पालक से मिलवाने जा रहे हैं, जो पिछले 20 वर्षों से मधुमक्खी पालन के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं.
5 बॉक्स से मधुमक्खी पालन की शुरुआत कर आज 200 के लगभग मधुमक्खी बॉक्स उपलब्ध है.सालाना 4 से 5 लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं. जी हां हम बात कर रहे हैं. गया जिले के परैया प्रखंड के मरांची गांव के रहने वाले निरंजन प्रसाद की.
पिछले 20 साल से कर रहे हैं मधुमक्खी पालन
पेशे से किसान निरंजन प्रसाद पिछले 20 वर्षों से मधुमक्खी पालन कर अपना जीविकोपार्जन कर रहे हैं.इससे उन्हें अच्छी खासी आमदनी हो रही है. इनके पास लगभग 200 मधुमक्खी बॉक्स उपलब्ध है.प्रत्येक बॉक्स से लगभग 35-40 किलो शहद निकाला जा सकता है. मधुमक्खियों को जीवित रखने के लिए निरंजन मधुमक्खी बॉक्स को लेकर माइग्रेट करते रहते हैं.कभी गया से बाहर जाने की भी जरूरत पड़ जाती है. गर्मी और बरसात के दिनों में फूलों की कमी हो जाती है. जिस कारण मधुमक्खियों को जीवित रखने के लिए चीनी का घोल दिया जाता है.
90% तक मिलता है अनुदान
पिछले 1 महीने से गया के चाकन्द में अपने मधुमक्खी बॉक्स को लगा रखा है. इस इलाके में बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती होती है और मधुमक्खियां सब्जियों के फूल से रस चूस कर लाती है.उससे शहद तैयार होता है. इनके द्वारा उत्पादित किए गए शायद के डिमांड गया के लोकल मार्केट के अलावे बाहर भी भेजे जाते हैं. प्रति किलो शहद का दाम 300 से 400 रुपये तक उपलब्ध है.मार्केट में आसानी से शहद की बिक्री हो जाती है. बता दें कि मधुमक्खी पालन के लिए सरकार की ओर से भी सहायता प्रदान की जाती है और 90% तक अनुदान दिया जाता है.
सालाना 4-5 लाख रुपये की होती है कमाई
लोकल 18 से बात करते हुए मधुमक्खी पालक निरंजन प्रसाद बताते हैं कि गया के मानपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र और खादी ग्राम उद्योग पटना से मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण लिया था.उसके बाद पांच बॉक्स से मधुमक्खी पालन के व्यवसाय से जुड़ गए. आज हमारे पास लगभग 200 मधुमक्खी बॉक्स है. जिससे सालाना 4 से 5 लाख रुपये की कमाई हो जाती है. एक मधुमक्खी बॉक्स की कीमत लगभग 4 हजार रुपया पड़ता है.एक बॉक्स से 35-40 किलो तक शहद निकाला जा सकता है