बच्चे अच्छा करें या खराब, इसका पूरा श्रेय हमेशा माता-पिता को ही जाता है. बच्चों ने अगर गलत किया तो कहा जाता है कि मम्मी-पापा ने अच्छे संस्कार नहीं दिए. अच्छा व्यवहार करें तो तारीफ भी होती है. लेकिन स्कॉटलैंड के ग्लासगो में रहने वाली एक महिला के साथ कुछ ऐसा हुआ, जिसके बारे में सुनकर कई माता-पिता सदमे में आ जाएंगे. महिला ने अपनी 15 साल की बेटी के बेडरूम में जाने के बाद जो देखा उससे सन्न रह गई. इतना ही नहीं, हर मम्मी-पापा के लिए यह परेशान करने वाली बात है.
हर पेरेंट्स चाहते हैं कि उनके बच्चे अच्छे से अच्छा संस्कार पाएं. इसके लिए दिनभर उन पर नजर रखते हैं. दुलारते हैं. डांटते-फटकारते भी हैं. लेकिन कई बार बुरी आदतें पता चलने पर हताश भी हो जाते हैं. सोच में पड जाते हैं कि ऐसे संस्कार तो हमने दिए नहीं तो फिर ये कैसे? लीन मैकगायर के साथ यही हुआ. अपनी 15 साल की बेटी को लेकर वह बहुत चिंतित रहती थीं लेकिन उन्हें भरोसा था कि बेटी कभी कुछ गलत काम नहीं करेगी. लेकिन एक दिन जब वह बेटी के कमरे में गईं, दरवाजा खोला तो सामने का नजारा देखकर हैरान रह गए गईं.
बेटी की कहानी सुनकर सब हैरान
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, मैकगायर पिछले हफ्ते बीबीसी के ‘वूमेंस आवर’ में पहुंचीं और अपनी बेटी की कहानी सुनाई. उन्होंने कहा, हाल ही में जब मैं अपनी बेटी के बेडरूम में गई तो मैंने सिगरेट वेप देखी. जब मैंने बेडरूम में और तलाशी ली तो मुझे अपनी बेटी द्वारा छिपाई गई ई-सिगरेट के लगभग 15 पैकेट मिले. चूंकि ये वॉलेट आकार में छोटे होते हैं, इसलिए इन्हें छिपाना भी आसान होता है. इस बारे में जब मैंने अपनी बेटी से बात की, तो उसने कहा, मुझे इसकी आदत है. इसमें निकोटिन नहीं है और आप परेशान न हों. मेरी बेटी यह मानने को बिल्कुल भी तैयार नहीं थी कि यह एक लत है.
डॉक्टर भी लत नहीं छुड़वा पाए
यह देखकर मैकगायर परेशान हो गईं. उन्होंने कहा, मुझे यकीन हो गया था कि मेरी 15 साल की बेटी ई-सिगरेट की आदी हो चुकी है. जब मैंने डॉक्टर को दिखाया तो वे कोई सलाह नहीं दे सके कि लड़की की लत कैसे छुड़वाई जाए. इसके उलट उन्होंने यह कह दिया कि ई-सिगरेट का कोई विकल्प मौजूद ही नहीं है. तब से मैं अपनी बेटी की ई-सिगरेट की लत छुड़ाने के लिए काफी मशक्कत कर रही हूं. गनीमत है कि यह काफी हद तक छूट चुकी है. बता दें कि मैकगायर इस घटना के बाद से बच्चों और पेरेंट्स को इनके खतरे बता रही हैं. बकायदा जागरूकता अभियान चला रही हैं. उन्हें सतर्क कर रही हैं.