हर हिंदू घर में एक मंदिर जरूर होता है, जहां परिवार के सदस्य हर दिन देवी-देवता की पूजा में लीन रहते हैं। मंदिर रहने से घर का वातावरण सकारात्मक रहता है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। घर में स्थित मंदिर से हर किसी का जुड़ाव हो जाता है लेकिन पुराने होने पर अक्सर हम उसे बेच या किसी को दे देते हैं। लेकिन ऐसा करना शुभ नहीं माना गया गया है। ऐसे में अब लोगों के सामने असमंजस की स्थिति है कि उस पुराने मंदिर का क्या करना चाहिए। तो आइए ज्योतिषाचार्य चिराग बेजान दारूवाला से जानते हैं कि पुराने मंदिर या देवी-देवता की मूर्ति का क्या करें।
घर में रखे मंदिर को किसी को बेचना चाहिए या नहीं?:
चिराग बेजान दारूवाला के मुताबिक, जिस मंदिर में आप पूजा कर रहे होते हैं वहां ढेर सारी सकारात्मक ऊर्जा एकत्रित हो जाती है। चेतना का संचार होता है। अपने पुराने मंदिर को यूं ही किसी को देना या बेचना उचित नहीं है, नहीं तो आप इसे यूं ही किसी को दे देंगे। यदि किसी दूसरे स्थान पर ले जाना संभव न हो तो पुराने मंदिर से सभी देवी-देवताओं की मूर्ति या तस्वीर उठाने से पहले नए मंदिर में किसी पुजारी द्वारा मंत्रोच्चार के साथ इन सभी शक्तियों की विधिवत प्राण-प्रतिष्ठा करवा लें। ये जरूरी हैं।
पुराने देवी-देवताओं की मूर्तियों का क्या करना चाहिए?:
ज्योतिषाचार्य चिराग बेजान दारूवाला के अनुसार, पुराने मंदिर और जिन मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा हो चुकी है, उन्हें पानी में नहीं बहाना चाहिए। सर्वोत्तम उपयोग के लिए इसे किसी गुरु या मंदिर के पुजारी को सौंप दिया जाना चाहिए। मंदिर और मूर्ति को किसी चौराहे या पेड़ के नीचे लावारिस रखने की बजाय इस बात का ध्यान रखें कि उसका विसर्जन सम्मानपूर्वक किया जाए।