अनेक मान्यताओं और आस्थाओं का घर है। हर साल जून से सितंबर तक दुनिया भर से बड़ी संख्या में लोग कैलाश मानसरोवर यात्रा पर निकलते हैं। हिंदू मान्यताओं में ‘मानसरोवर’ को वो झील बताया गया है जिसे भगवान ब्रह्मा ने अपने मन में बनाया था। उनकी कल्पना में ये यह कैलाश पर्वत के नीचे स्थित है, जो भगवान शिव का निवास स्थान है जहां वह देवी पार्वती के साथ रहते हैं। तो, साइंस की मानें को कैलाश पर्वत ब्रह्मांड का केंद्र है। बौद्ध धर्म में, कैलाश पर्वत गुरु रिनपोचे से जुड़ा है जिन्होंने इस क्षेत्र में बौद्ध धर्म की स्थापना की थी। इसके अलावा तिब्बत में बॉन मत वाले लोग कैलाश पर्वत को पृथ्वी का केंद्र मानते हैं।
बॉन पौराणिक कथाओं के अनुसार, उनके संस्थापक टोनबा शेनराब ने तिब्बत की अपनी पहली यात्रा के दौरान मानसरोवर झील में स्नान किया था। जैन धर्म में बताया गया है कि एक प्रमुख गुरु ऋषभनाथ को यहीं मोक्ष प्राप्त हुआ था। उन्होंने कैलाश पर्वत के चारों ओर दक्षिणावर्त दिशा में घूमते हुए परिक्रमा की थी और मोक्ष पाया था। अंत में सिख धर्म के अनुसार, कैलाश मानसरोवर झील वह स्थान है जहां सिख धर्म के संस्थापक और दस सिख गुरुओं में से पहले गुरु नानक देव ने ध्यान करना सीखा था। माना जाता है कि कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने पर लोग अपने पाप धो सकते हैं और मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन इसे सोचते ही मन में पहला सवाल आता है कि यहां जाएं कैसे, कितना खर्च आएगा और फिर यहां जाने के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें।
कैलाश मानसरोवर यात्रा कहां से शुरू होती है:
कैलाश मानसरोवर की यात्रा उत्तराखंड, दिल्ली और सिक्किम की राज्य सरकारों के सहयोग से आयोजित की जाती है और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) का सहयोग से होती है। कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) और सिक्किम पर्यटन विकास निगम (एसटीडीसी) और उनके सहयोगी संगठन भारत में यात्रियों के प्रत्येक बैच के लिए सहायता और सुविधाएं प्रदान करते हैं। दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट इस यात्रा के लिए आवेदकों के फिटनेस स्तर को निर्धारित करने के लिए चिकित्सा परीक्षण आयोजित करता है।
-यात्रा के लिए आवेदन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://kmy.gov.in/kmy/ पर जाएं।
-विवरण सही ढंग से भरें और दो मार्गों में से चुनें -सिक्किम में नाथुला और उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रा में से एक।
-वापसी के लिए यात्रा के अंतिम बिंदु का चयन करें
रूट 1 (लिपुलेख) – धारचूला या दिल्ली
रूट 2 (नाथू ला) – गंगटोक या दिल्ली
‘वेनिस ऑफ ईस्ट’ के नाम से जाना जाता है ये शहर, प्राचीन किलों और खूबसूरत झीलों का है नगर
कैलाश मानसरोवर यात्रा पंजीकरण के लिए जरूरी दस्तावेज
-एक स्कैन किया हुआ पासपोर्ट आकार का फोटो।
-पासपोर्ट के पहले और आखिरी पेज की स्कैन की गई प्रतियां।
– वैध ईमेल आईडी और फोन नंबर का उल्लेख होना चाहिए।
कैलाश मानसरोवर पंजीकरण के लिए निम्नलिखित दस्तावेज चयनित यात्रियों को दिल्ली ले जाने होंगे
-भारतीय पासपोर्ट जो न्यूनतम 6 महीने के लिए वैध होना चाहिए।
-6 रंगीन पासपोर्ट आकार के फोटो।
-आपातकालीन स्थिति में हेलीकाप्टर से वापसी
-मृत्यु के मामले में चीन में दाह संस्कार के लिए एक सहमति प्रपत्र।
-अंतिम निर्णय विदेश मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
महानंदा नदी के किनारे बसा है ये शहर, चाय बागान और बंगाल टाइगर का है घर
मेडिकल फिटनेस चेक-Medical Fitness Documents
कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू होने से पहले दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट और आईटीबीपी अस्पताल द्वारा विभिन्न चिकित्सा जांचें आयोजित की जाती हैं। यह यात्रियों की सहनशक्ति और शारीरिक और मानसिक फिटनेस सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। इसमें हीमोग्लोबिन, कोलेस्ट्रॉल, इंसुलिन आदि के लिए टेस्ट किए जाते हैं। बीएमआई या बॉडी मास इंडेक्स 27 या उससे कम होना चाहिए। आईटीबीपी द्वारा लिपुलेख रूट (गुंजी में) और नाथू ला (शेराथांग में) में भी एक फिटनेस चेक आयोजित किया जाता है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा में कितना खर्च आता है
कैलाश मानसरोवर यात्रा की लागत आपके चुने रास्ते पर निर्भर करता है। लिपुलेख मार्ग में प्रति व्यक्ति करीब 1.5 लाख रुपये का खर्च आता है। लगभग 25 दिन लग जाते हैं। दूसरे रूट में 1.7 लाख रुपये प्रति व्यक्ति है खर्च आ जाता है। तो, इन तमाम चीजों को जानकर ही कैलाश मानसरोवर यात्रा प्लान करें।