सनातन धर्म में चैत्र अमावस्या का बहुत महत्व माना जाता है। इसे भूडी या भौमवती अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं। इस दिन दान करने का भी बहुत महत्व होता है। ऐसा करने से व्यापार में उन्नति होती है और नौकरी के अच्छे अवसर मिलते हैं। इस बार चैत्र अमावस्या 21 मार्च को है। ज्योतिष शास्त्र कहता है कि इस दिन 4 उपाय करने से जीवन में समृद्धि आती है और परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है आइए जानते हैं क्या हैं ये उपाय…
संतान सुख प्राप्त करें:
जो लोग विवाह के लंबे समय के बाद भी संतान सुख की लालसा रखते हैं उन्हें चैत्र अमावस्या 2023 पर पिपला के पेड़ की जड़ को जल, काले तिल, दूध और जौ से मिलाकर अर्पित करना चाहिए। इसके बाद उन्हें पीपल के पेड़ की 7 बार परिक्रमा करनी चाहिए। शाम के समय पीपला के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से संतान सुख की संभावना बढ़ जाती है।
मंगल दोष दूर करता है:
मंगल दोष से पीड़ित होने पर भौमवती अमावस्या के दिन मंगल बीज मंत्र ‘ॐ क्रीं क्रीं क्रौं स: भौमाय नमः’ का 108 बार जाप करें। साथ ही जरूरतमंदों को कस्तूरी, गुड़, घी, लाल मसूर की दाल, केसर, सोना, तांबे के बर्तन और लाल वस्त्र दान करें। कहा जाता है कि इस उपाय को करने से जीवन में मंगल दोष से छुटकारा मिल जाता है।
नौकरी-व्यवसाय में तरक्की:
ऐसे लोग जिन्हें कई प्रयासों के बावजूद नौकरी-व्यवसाय में उचित प्रगति नहीं मिल रही है, वे भी चैत्र अमावस्या (2023) के दिन उपाय कर सकते हैं। इसके लिए चैत्र अमावस्या के दिन हनुमानजी को नया लाल वस्त्र पहनाकर राम रक्षा सूत्र का पाठ करना चाहिए। इस दिन चावल, दूध और वस्त्र दान करना बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस उपाय से माता-पिता की नाराजगी दूर होती है और सभी रुके हुए काम पूरे होते हैं।
पितृ दोष से मुक्ति:
जिन लोगों को पितृ दोष है उन्हें चैत्र अमावस्या (2023) के दिन अपने पूर्वजों की पूजा करके उन्हें प्रसन्न करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र कहता है कि इस दिन काले तिल का दान करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष दूर होता है। इस उपाय को करने से परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और आर्थिक मजबूती आती है।